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Kishkindhapuri Movie Review: Mythology Meets Mystery in This Epic Tale

Kishkindhapuri Movie Review
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Kishkindhapuri Movie Review: बेलमकुंडा श्रीनिवास और अनुपमा की हॉरर थ्रिलर फिल्म का डिटेल रिव्यू। जानिए स्टोरी, हिंदी डबिंग क्वालिटी, परफॉर्मेंस और रेटिंग।

Kishkindhapuri Movie Review की बात करें तो ये बेलमकुंडा श्रीनिवास और अनुपमा पारमेश्वरन की हॉरर थ्रिलर फिल्म है जिसे पहले तेलुगु में ‘पूरी रेडियो स्टेशन’ नाम से रिलीज किया गया था। अब इस हफ्ते इसका हिंदी डब वर्जन बेहद लिमिटेड रिलीज के साथ सिनेमाघरों में आया है। फिल्म के अंदर ना तो कोई खास हॉरर है और ना ही थ्रिलिंग मोमेंट्स, लेकिन इंटरेस्टिंग प्लॉट और सेकंड हाफ में ट्विस्ट्स इसे वॉचेबल बनाते हैं। इस Kishkindhapuri Movie Review में जानिए फिल्म की पूरी डिटेल्स, हिंदी डबिंग की खराब मिक्सिंग, और क्यों ये फिल्म सिर्फ टाइम पास के लिए देखी जा सकती है।


Movie Details

DetailsInformation
Movie NameKishkindhapuri
GenreHorror Thriller
Lead Castबेलमकुंडा श्रीनिवास, अनुपमा पारमेश्वरन
Supporting Castसड्डी मास्टर (भूत का किरदार)
DirectorNot Mentioned in Script
Original LanguageTelugu
Hindi DubbingYes (Limited Release)
Release DateTelugu Version Released Earlier, Hindi This Week
RuntimeNot Mentioned
RatingAbove Average / Decent

Storyline Kishkindhapuri Movie Review

Kishkindhapuri Movie Review में स्टोरी की बात करें तो ये बेसिकली एक हॉरर थ्रिलर फिल्म है। लेकिन फिल्म देखने के बाद कहा जा सकता है कि इसमें ना तो ऐसा कुछ हॉरर है जो डराए और ना ही कोई ऐसे थ्रिलिंग मोमेंट्स हैं जिनमें टेंशन फील हो।

फिल्म की शुरुआत हॉरर कॉमेडी के तौर पर होती है जहां कुछ कैरेक्टर्स हंसाते हुए नजर आते हैं। लेकिन उसके बाद अचानक से फिल्म थ्रिलर मोड में चली जाती है और कॉमेडी कहीं नहीं रहती।

फर्स्ट हाफ जिस तरीके से जा रहा था उसे देखकर लगा कि ये बहुत ही रूटीन फिल्म बन जाएगी। सेकंड हाफ की शुरुआत के बाद भी यही लगा कि रूटीन हो जाएगी। लेकिन उसके बाद कहानी में कुछ ऐसे ट्विस्ट एंड टर्न्स देखने को मिलते हैं जो एक रेगुलर हॉरर फिल्म के पैटर्न को कुछ हद तक ब्रेक करते हैं। जिस कारण से फिल्म में एक इंगेजमेंट बना रहता है।

फिल्म का प्लॉट काफी हद तक इंटरेस्टिंग है। सेकंड हाफ जो एक्सपेक्टेशन से काफी बेटर निकला, वो फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है। कहानी में ऐसे मोड़ आते हैं जो प्रिडिक्टेबल नहीं हैं।

हालांकि फिल्म की एक बड़ी कमी ये है कि बेलमकुंडा श्रीनिवास और अनुपमा के कैरेक्टर्स के बीच की बॉन्डिंग को थोड़ा बहुत डेवलप नहीं किया गया। अगर ऐसा होता कि हम कैरेक्टर्स के प्रति कुछ केयर करते कि “हां भाई ये लोग मुसीबत में हैं, ये बच जाने चाहिए” – तो फिल्म बेटर काम कर सकती थी।

जिन लोगों की जान खतरे में पड़ी है, उनके प्रति हम कहीं पर केयर नहीं कर पाते। शुरुआत में जो कैरेक्टर्स हंसा रहे थे, बाद में उनको मुसीबत में देखकर भी कुछ फील नहीं होता कि “नहीं भाई ये बच जाए”। हां एक छोटी सी बच्ची है जिसके लेकर थोड़ा सा फील होता है, लेकिन बाकी किसी कैरेक्टर के प्रति ऐसा कुछ नहीं।


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Cast & Characters

Kishkindhapuri Movie Review में कास्ट और परफॉर्मेंस की बात करें तो:

1. बेलमकुंडा श्रीनिवास (Bellamkonda Srinivas) बेलमकुंडा श्रीनिवास फिल्म के लीड कैरेक्टर में हैं। उनकी परफॉर्मेंस ठीक-ठाक है लेकिन उनके कैरेक्टर की जो बॉन्डिंग दूसरे कैरेक्टर्स के साथ दिखाई गई है, वो कमजोर है। एक सीन में वो टावर के ऊपर चढ़ते हुए नजर आते हैं जहां एक गाना बजता है, लेकिन हिंदी डबिंग की वजह से वो सीन का मजा किरकिरा हो गया।

2. अनुपमा पारमेश्वरन (Anupama Parameswaran) अनुपमा भी फिल्म में मुख्य किरदार में हैं। उनके और बेलमकुंडा के बीच की केमिस्ट्री को अच्छे से डेवलप नहीं किया गया, जो फिल्म की कमी है।

3. सड्डी मास्टर (Saddi Master) – भूत का किरदार सड्डी मास्टर इस फिल्म में भूत के किरदार में नजर आते हैं और उनकी परफॉर्मेंस फिल्म का सबसे बड़ा हाइलाइट है। उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता (स्पॉयलर्स से बचने के लिए), लेकिन उनकी परफॉर्मेंस इस फिल्म में काफी बेहतरीन है। रिसेंटली जितनी भी फिल्में आई हैं, उनमें उनकी ये परफॉर्मेंस सबसे बेहतरीन थी।

4. छोटी बच्ची का किरदार फिल्म में एक छोटी बच्ची का किरदार है जिसके लेकर थोड़ा सा इमोशनल कनेक्शन फील होता है। बाकी सभी कैरेक्टर्स के प्रति ऐसा कुछ नहीं।

ओवरऑल, कास्ट की परफॉर्मेंस में सड्डी मास्टर का काम सबसे अलग और बेहतरीन है।


Direction & Cinematography

Kishkindhapuri Movie Review में डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी की बात करें तो:

Direction: डायरेक्टर ने फिल्म को एक हॉरर कॉमेडी से शुरू किया लेकिन फिर अचानक से थ्रिलर मोड में ले गए। ये ट्रांजिशन थोड़ा अजीब लगा। फर्स्ट हाफ रूटीन तरीके से चलता है, लेकिन सेकंड हाफ में डायरेक्टर ने कुछ अच्छे ट्विस्ट दिए हैं जो रेगुलर हॉरर पैटर्न को तोड़ते हैं।

अगर कैरेक्टर डेवलपमेंट पर ज्यादा ध्यान दिया जाता तो फिल्म और थ्रिलिंग बन सकती थी। जब ऑडियंस को कैरेक्टर्स की फिक्र होती है, तभी थ्रिलर असली इफेक्ट दिखाता है। यहां वो कमी रह गई।

Cinematography: सिनेमेटोग्राफी ठीक-ठाक है। हॉरर थ्रिलर के हिसाब से विजुअल्स अच्छे हैं, लेकिन कुछ खास नहीं। टावर वाला सीन जहां बेलमकुंडा चढ़ते हैं, वो विजुअली अच्छा था लेकिन हिंदी डबिंग के खराब लिरिक्स ने उसका मजा किरकिरा कर दिया।

Technical Issues: फिल्म की सबसे बड़ी टेक्निकल प्रॉब्लम हिंदी वर्जन की मिक्सिंग है। ये बेहद ही एवरेज, सबस्टैंडर्ड लेवल की है। इतनी खराब मिक्सिंग शायद ही कभी किसी थिएटर रिलीज फिल्म में देखी होगी।

थिएटर (सूरत का सबसे बड़ा मल्टीप्लेक्स) में कोई प्रॉब्लम नहीं थी, लेकिन फिल्म में बीच में एक लंबा ऐसा पोर्शन आता है जहां जब एक्टर्स बोल रहे हैं तो उनकी वॉइस ऑटोमेटिकली दब जाती है। कभी लाउड है, कभी पूरी दब जाती है।

लेकिन उन्हीं सीन्स के दौरान जो बैकग्राउंड म्यूजिक है, उसका वॉल्यूम बराबर रहता है। एक्टर्स की वॉइस इतनी दब जाती है कि थिएटर में बैठकर बहुत अजीब फील होता है।

उम्मीद है कि जब फिल्म OTT पर आए तो इस चीज को सुधार लिया जाए।


Positive & Negative Points Kishkindhapuri Movie Review

Positive Points:

  1. इंटरेस्टिंग प्लॉट: फिल्म का प्लॉट काफी हद तक इंटरेस्टिंग है जो फिल्म को वॉचेबल बनाता है।
  2. सेकंड हाफ में ट्विस्ट्स: सेकंड हाफ में ऐसे ट्विस्ट एंड टर्न्स हैं जो रेगुलर हॉरर फिल्म के पैटर्न को ब्रेक करते हैं। एक्सपेक्टेशन से काफी बेटर निकला।
  3. सड्डी मास्टर की परफॉर्मेंस: भूत के किरदार में सड्डी मास्टर की परफॉर्मेंस काफी बेहतरीन है। रिसेंट फिल्मों में उनका सबसे अच्छा काम।
  4. इंगेजमेंट: ट्विस्ट्स की वजह से फिल्म में इंगेजमेंट बना रहता है।
  5. हिंदी वॉइस कास्टिंग: एक्टर्स को जो वॉइस दी गई है वो अच्छी थी (मिक्सिंग को छोड़कर)।

Negative Points:

  1. ना हॉरर, ना थ्रिलर: फिल्म देखते समय ना डर लगता है और ना ही कोई थ्रिलिंग मोमेंट्स हैं जिनमें टेंशन फील हो।
  2. कैरेक्टर डेवलपमेंट की कमी: बेलमकुंडा और अनुपमा के बीच की बॉन्डिंग कमजोर है। कैरेक्टर्स के प्रति कहीं केयर नहीं होती।
  3. बेहद खराब मिक्सिंग: हिंदी वर्जन की मिक्सिंग सबस्टैंडर्ड लेवल की है। एक्टर्स की वॉइस कभी दबती है, कभी लाउड होती है।
  4. एवरेज गाने की डबिंग: हिंदी गानों के लिरिक्स बेहद खराब हैं। पुराने गोल्ड माइंस वाली याद दिला देते हैं जहां धुन और लिरिक्स में कोई तालमेल नहीं होता था।
  5. टावर सीन का मजा किरकिरा: जहां बेलमकुंडा टावर पर चढ़ते हैं, वहां बजने वाले गाने के लिरिक्स इतने खराब हैं कि पूरे मूवमेंट का मजा खराब हो गया।
  6. अचानक टोन चेंज: हॉरर कॉमेडी से अचानक थ्रिलर में जाना थोड़ा अजीब लगा।
  7. इमोशनल कनेक्शन की कमी: एक छोटी बच्ची को छोड़कर किसी कैरेक्टर के लिए कुछ फील नहीं होता।
  8. लिमिटेड रिलीज: हिंदी वर्जन बहुत लिमिटेड रिलीज है। बड़े शहरों में भी शोज नहीं लगे।

Box Office Collection / Budget

Kishkindhapuri Movie Review में बॉक्स ऑफिस की बात करें तो:

Hindi Release: फिल्म का हिंदी वर्जन बेहद लिमिटेड रिलीज है। कुछ बड़े शहरों में भी एक भी शो नहीं लगा है। जहां लगे हैं वहां गिनती के 5-6 या 7-8 शोज ही लगे हुए हैं।

इतनी लिमिटेड रिलीज के साथ हिंदी वर्जन का कलेक्शन बहुत कम होगा। ऐसा लगता है कि जल्दबाजी में डबिंग करके रिलीज कर दिया गया। किसी को पता भी नहीं चला कि फिल्म रिलीज हुई है।

Telugu Original: तेलुगु वर्जन पहले रिलीज हुआ था ‘पूरी रेडियो स्टेशन’ नाम से। उसके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बारे में स्क्रिप्ट में जानकारी नहीं दी गई।

Budget: फिल्म के बजट के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

Verdict: लिमिटेड रिलीज और खराब हिंदी डबिंग मिक्सिंग की वजह से हिंदी वर्जन बॉक्स ऑफिस पर बहुत कमजोर परफॉर्म करेगा। मार्केटिंग भी बिल्कुल नहीं हुई।


OTT Release Date Kishkindhapuri Movie Review

Kishkindhapuri Movie Review में OTT रिलीज की बात करें तो अभी तक कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं है।

फिल्म थिएटर में बहुत लिमिटेड रिलीज के साथ आई है, तो जल्द ही OTT प्लेटफॉर्म पर आने की उम्मीद है।

Important Note: जब फिल्म OTT पर आए तो उम्मीद है कि मिक्सिंग की प्रॉब्लम को सुधार लिया जाए। थिएटर में वॉइस लेवल्स की जो दिक्कत थी, वो OTT वर्जन में नहीं होनी चाहिए।

टेक्निकल टीम को इस ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि ये फिल्म के एक्सपीरियंस को बहुत खराब कर देती है।

कौन सा OTT प्लेटफॉर्म होगा – Netflix, Amazon Prime, Disney+ Hotstar या कोई और – ये भी अभी कन्फर्म नहीं है।


Kishkindhapuri Movie Review

Final Verdict / Rating Kishkindhapuri Movie Review

Kishkindhapuri Movie Review का फाइनल वर्डिक्ट देते हुए कहा जा सकता है:

Rating: ⭐⭐½ (2.5/5) – Above Average / Decent

Final Verdict: इन सभी चीजों के बावजूद भी फिल्म को एक बार देखा जा सकता है। एटलीस्ट इतनी वॉचेबल ये फिल्म डेफिनेटली है। फिल्म के प्लॉट, स्टोरी और सेकंड हाफ के लिए इस फिल्म को टाइम पास के लिए एक बार डेफिनेटली देखा जा सकता है

ओवरऑल: एक अबव एवरेज या डिसेंट सी फिल्म है जिसको आप एक बार टाइम पास के लिए देख सकते हो।

क्यों देखें:

  • इंटरेस्टिंग प्लॉट
  • सेकंड हाफ में अच्छे ट्विस्ट्स
  • सड्डी मास्टर की शानदार परफॉर्मेंस
  • रेगुलर हॉरर पैटर्न से हटकर

क्यों न देखें:

  • ना डर है, ना थ्रिल
  • हिंदी डबिंग की बेहद खराब मिक्सिंग
  • कैरेक्टर डेवलपमेंट कमजोर
  • गानों के खराब लिरिक्स

Important Warning: अगर थिएटर में देखने जा रहे हैं तो हिंदी वर्जन की मिक्सिंग प्रॉब्लम के लिए तैयार रहें। थिएटर एक्सपीरियंस खराब हो सकता है इस वजह से।

सलाह: कुछ ज्यादा एक्सपेक्टेशंस मत रखिएगा। बस एक टाइम पास फिल्म समझकर देखें।

Theatre Experience Note: एक थिएटर में बैठा बंदा फिल्म देखते समय काफी डर रहा था और बाद में भी बोल रहा था कि उसे बहुत डर लगा। लेकिन पर्सनली कहीं पे डर नहीं लगा। तो ये आपकी पर्सनल परसेप्शन पर भी डिपेंड करता है।

अगर आप हॉरर थ्रिलर के फैन हैं और कुछ नया देखना चाहते हैं (बिना ज्यादा एक्सपेक्ट किए), तो ये फिल्म चल सकती है। लेकिन मास्टरपीस की उम्मीद बिल्कुल मत रखें।


Conclusion Kishkindhapuri Movie Review

Kishkindhapuri Movie Review को समाप्त करते हुए कहा जा सकता है कि ये फिल्म एक मिक्स बैग है। एक तरफ इंटरेस्टिंग प्लॉट, सेकंड हाफ के ट्विस्ट्स और सड्डी मास्टर की शानदार परफॉर्मेंस है, तो दूसरी तरफ हिंदी डबिंग की बेहद खराब मिक्सिंग, कमजोर कैरेक्टर डेवलपमेंट और ना हॉरर ना थ्रिलर वाला फील।

बेलमकुंडा श्रीनिवास और अनुपमा पारमेश्वरन की ये फिल्म पूरी तरह से परफेक्ट नहीं है, लेकिन कुछ एलिमेंट्स ऐसे हैं जो इसे वॉचेबल बनाते हैं। सेकंड हाफ में जो ट्विस्ट्स आते हैं, वो रेगुलर हॉरर फिल्मों से अलग हैं।

हिंदी वर्जन की सबसे बड़ी दिक्कत टेक्निकल साइड है – मिक्सिंग इतनी खराब है कि थिएटर एक्सपीरियंस खराब हो जाता है। गानों के लिरिक्स पुराने गोल्ड माइंस के जमाने की याद दिलाते हैं। जल्दबाजी में डबिंग करके लिमिटेड रिलीज कर दी गई लगती है।

लेकिन एक हॉरर थ्रिलर होने की वजह से इन टेक्निकल प्रॉब्लम्स का ज्यादा असर नहीं पड़ता। फिल्म का प्लॉट काफी हद तक कवर कर लेता है।

Final Word: अगर आपके पास फ्री टाइम है और कुछ देखना है बिना ज्यादा एक्सपेक्ट किए, तो इस Kishkindhapuri Movie Review के बाद आप फिल्म को एक मौका दे सकते हैं। टाइम पास के लिए एक डिसेंट ऑप्शन है। OTT पर आने का इंतजार करना बेहतर होगा जहां उम्मीद है कि टेक्निकल इश्यूज फिक्स हो जाएं।

तो दोस्तों, अगर आपने फिल्म देख ली तो आपको पर्सनली कैसी लगी? कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा!

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Ashu Kumari is an UPSC Aspirant dons many hats- writer, graphic designer, editor and SEO expert. She has over 5 years of experience in crafting creative yet impactful content for various domains. Writing aside, she finds solace in the world of books, exploring nature's beauty, binge-watching Asian dramas and engaging in DIY projects. Education: B.SC (Chemistry Honours) Language: English, Hindi, Bhojpuri

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